मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - 'अखिल भारतीय दाल मिल एसोसिएशन' ने चने की कीमत में गिरावट और छोटे किसानों और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए वायदा कारोबार (फ्यूचर्स ट्रेडिंग) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से कीमतें न्यूनतम समर्थन कीमतों की तुलना में कम हैं।
मिलर्स यह मानते हैं कि वर्तमान में एनसीडीईएक्स पर वायदे के कारोबार को चयनित कंपनियों और बड़े व्यापारियों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। इससे नुकसान और अव्यावहारिक मूल्य अंतर पैदा हो रहा है जो छोटे व्यवसायी और किसानों के हितों को बाधित कर रहा है।
इसके अलावा ज़्यादातर किसान वो है जो कृषि भूमि का बहुत कम हिस्सा रखते हैं और यह अनुमान लगाते हुए तर्कसंगत नहीं दिखता कि 20 टन चने का उत्पादन करने वाले किसान वायदा कारोबार में खुद को संलग्न करेंगे।
इसके अलावा एसोसिएशन ने सरकार से अत्यधिक घरेलू उत्पादन को ध्यान में रखते हुए वायदा कारोबार (फ्यूचर ट्रेडिंग) से चना को हटाने का अनुरोध किया था। चने का उत्पादन इस साल करीब 111 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 93.8 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
चना की वर्तमान बाजार दर 3,600-3,900/100 किलो की सीमा में है, जो 4,400/100 किलो (बोनस 150 के साथ) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम है।
(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; + 91-22- 40015523)