मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) बुधवार को गुजरात की प्रमुख मंडी उंझा में जीरा में स्थिर कारोबार दर्ज किया गया, जबकि राजकोट तथा गोंडल में व्यापार हल्का कमजोर होने की खबर मिली है।
आज उंझा की मंडी में जीरे की कुल 45 हजार बैग की थी तथा जीरे में स्थिर व्यापार दर्ज किया गया, स्थानीय व्यापारी के अनुसार सिंगापूर किस्म के जीरे में एक्सपोर्ट की अच्छी मांग ही परन्तु यूरोप किस्म के जीरे में मांग सिमित देखी जा रही है।
राजकोट की मंदी में जीरे की कुल आवक 5000 बैग की थी. सिंगापूर किस्म के जीरे में स्थिर तथा यूरोप किस्म के जीरे में 10 से 20 रूपया प्रति 20 किलोग्राम कमजोर व्यापार दर्ज किया गया।
मंडियों में जीरे की आवक धीरे धीरे कम होती जा रही है जिससे जीरे के भाव में दबाव कम हो सकता है परन्तु राजस्थान के प्रमुख इलाकों में आगामी सप्ताह से जीरे की आवक से जीरे की कीमतों पर फिर से दबाव पड़ सकता है।
व्यापारिक सूत्रों के अनुसार ओखी तूफ़ान के पश्चात से अब तक जारी कोहरे की वजह से जीरे के रंग में बदलाव के कारण एक्सपोर्ट में उक्त किस्म के जीरे की मांग सिमित है, अच्छे किस्म के जीरे में अच्छी मांग से जीरे में सुधार संभव है परन्तु काले पड़ चुके जीरे की सिमित मांग से बाजार में व्यापार कमजोर हो सकता है।
पिछले वर्ष 55 लाख बैग उत्पादन की तुलना में इस वर्ष जीरे में 72 से 75 लाख बैग (बम्फर) उत्पादन की उम्मीद है जिससे जीरे में कमजोरी रह सकती है, परन्तु वैश्विक स्तर पर जीरे के उत्पादन में कमी से आगामी समय में भारतीय जीरे की मांग में सुधार देखा जा सकता है जिससे आने वाले समय में जीरे की कीमतों में सुधार संभव है।
(कमोडिटीज़ कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; + 91-22-40015567)
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