मुंबई (कमोडिटीजकंट्रोल) -प्रतिकूल मौसम परिस्थिति की वजह से गुजरात में धनिये की बुवाई बुरी तरह से पिछड़ चुकी है, अब तक धनिये की बुवाई में लगभग 85 से 90 प्रतिशत की कमी बनी हुई है।
राज्य कृषि विभाग के आंकड़ो के अनुसार अब तक केवल 2200 हेक्टेयर में ही धनिये की बुवाई हो सकी है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधी में 22600 हैक्टेयर की बुवाई हुई थी।
सूबे के व्यापारियों का कहना है की इस बार मानसून में लगभग 40 से 50 प्रतिशत की कमी बनी हुई है जिससे धनिये की बुवाई इस वर्ष लगभग 50 प्रतिशत की कमी हो सकती है।
राज्य में धनिये के सबसे बड़े उत्पादक सौराष्ट्र में इस समय लगभग 1900 हैक्टेयर धनिये की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले वर्ष की सामान अवधी में लगभग 21100 हैक्टेयर की बुवाई हो चुकी थी।
राजस्थान तथा मध्यप्रदेश में धनिये की बुवाई का श्रीगणेश हो चूका है इसके बावजूद धनिये के भाव में लगभग 400/500 रुपये की तेजी आ चुकी है इसका प्रमुख कारण गुजरात में धनिये की बिजाई का पिछड़ना बताया जा रहा है।
अन्तराष्ट्रीय बाजार में धनिये के भाव 1.54 डॉलर पाती किलोग्राम बना हुआ है जबकि पिछले वर्ष की समना अवधी में धनिये का भाव 1.41 डॉलर था इसका मतलब धनिये के भाव में लगभग 9 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है।
हालंकि ऊँचे भाव पर खरीददारी सुस्त हुई है, स्टॉकिस्ट ऊँचे भाव पर सक्रीय नहीं है जिससे बाजार में प्रॉफिट बुकिंग देखी जा रही है परन्तु जिस तरह से मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में बिजाई पिछड़ रही है उसे देखते हुआ माना जा रहा है की आगामी समय में धनिया तेज रह सकता है।
(कमोडिटीजकंट्रोल ब्यूरो द्वारा; +91-22-40015567)