मुम्बई (कमोडिटीजकंट्रोल) - पाकिस्तान से मजबूत मांग के कारण शुक्रवार को बर्मा दलहन बाजार में उड़द में तेजी दर्ज की गई, जबकि बिकवाल की सक्रियता के कारण तुअर के भाव में सुस्ती के साथ कारोबार हुआ।
एक स्थानीय व्यापारी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा निचले भाव पर मजबूत मांग के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू वैरायटी के भाव 15-40 डॉलर प्रति टन के बीच बढ़ें।
उन्होंने कहा, भारत सरकार द्वारा उड़द/मूंग आयात पर मात्रात्मक प्रतिबन्ध लगाने के बाद बर्मा में उड़द के भाव में तेज गिरावट के बाद वर्तमान सस्ते भाव पर पाकिस्तान के खरीददार सक्रिय हैं। पाकिस्तान के आयातकों ने लगभग 500 कंटेनरों (प्रत्येक कंटेनर 24 मीट्रिक टन) का काम किया है।
पाकिस्तान के लिए उड़द की लोडिंग सोमवार या मंगलवार से शुरू होने की संभावना हैं। गौतलब हैं की बकरी ईद के कारण बर्मा दलहन बाजार शनिवार को बंद रहेगा।
इस बीच, भारत सरकार द्वारा तुअर के आयात में कुछ ढील देने के बाद बिकवालों की सक्रियता और माह के अंत (अगस्त) होने के कारण सौदों के निपटान (सेटलमेंट) के कारण तुअर के सभी वैरायटी में भाव में गिरावट दर्ज की गई।
बता दे की भारत सरकार ने 5 अगस्त को तुअर के आयात पर मात्रात्मक प्रतिबन्ध लगाया और प्रति वित्त वर्ष के लिए आयात की सीमा 2 लाख टन तय की थी, पर सरकार ने ताजा नोटिफिकेशन में इसमें कुछ ढील देते हुए कहा की जिन आयातकों ने तुअर आयात के 5 अगस्त के पहले अग्रिम भुगतान किया है और जिसके लिए बैंक द्वारा सत्यापित अनुबंध/खरीद चालान और भुगतान विवरण उपलब्ध हैं वे तुअर आयात के लिए योग्य हैं।
बर्मा के खरीदारों हालांकि अपने उत्पाद बेचने के लिए सक्रिय हैं, हालांकि उन्हें आशा हैं की भारत के प्रधानमंत्री का सितम्बर के प्रथम सप्ताह में बर्मा का दौरा प्रस्तावित हैं जिसमे बर्मा सरकार अपनी चिंताए रखेगी और आशा करती हैं भारत इस पर सकारात्मक कदम उठाएगा।
इस बीच स्थानीय व्यापारी ने यह भी पुष्टि की है कि "व्यापारिक संस्था म्यांमार दलहन, बीन्स और तिल सीडर्स मर्चेंट एसोसिएशन ने व्यापारियों और निर्यातकों को भारतीय खरीदारों के साथ किए गए ट्रेडों के दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है, ताकि संघ भारत सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत करा सके।
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