मुम्बई (कमोडिटीज कंट्रोल) - मलेशिया के कच्चे पाम तेल मे सीमित दायरे मे कारोबार देखा जा रहा है क्योंकि अमेरिका में कच्चे तेल (क्रूड आइल) की कीमतें दोबारा बढ़कर 58.45 डॉलर प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं जो की 2 साल की उँचाई पर है, कनाडा से आने वाली प्रमुख क्रूड पाइपलाइन के बंद होने के कारण आपूर्ति मे बाधा आ गयी थी इसलिए क्रूड आइल की कीमत मे इज़ाफा हुआ, कच्चे पाम तेल मे कमजोर निर्यात माँग तथा मलेशिया के कच्चे पाम तेल के बढ़ते हुए उत्पादन से केएलसी मे उपरी भाव पर दबाव बना रहेगा जिससे कच्चे पाम तेल की कीमतें एक सीमित दायरे मे कारोबार करते हुए देखी जा सकती है।
* धीमी मांग तथा अस्थिर रुपये के कारण सीपीओ मे मंदी का रूप देखा जा रहा है लेकिन पॉजिटिव केएलएसी से सीपीओ मे मंदी की धारणा कम हो सकती है।
* सोया तेल की मांग हाजिर बाजार मे कमजोर है जिससे सोया तेल के भाव उपरी स्तर पर नही टिकेंगे।
* इसके अलावा, सोया तेल की तुलना में कपास का तेल 45-50रुपये प्रति 10 किलोग्राम तक सस्ता हो गया है, इसलिए सोया तेल की अधिकांश मांग कपास के तेल में बदल जाएगी, जिससे सोया तेल की कीमतों पर दबाव बनेगा।
* कमजोर आवक के कारण सोयाबीन का भविष्य उज्ज्वल है तथा बाजार के सूत्रों के अनुसार सोयाबीन का उत्पादन अनुमान से कम हो सकता है।
* राजस्थान में सरसों की बुवाई की गति धीमी होने के कारण सरसों मे सकारात्मक धारणा बनती देखी जा रही है अब तक राजस्थान मे 20 नवंबर तक पिछले साल की तुलना मे 21% कम बुवाई हुई है।
* इम्पोर्ट ड्यूटी लगने के बाद सरसों तथा सोया तेल का जो प्रीमियम पहले 110 रुपये (प्रति10 किलोग्राम पर) हुआ करता था जो अब घटकर 76 रुपये (प्रति10 किलोग्राम पर) हो चुका है, सोया तेल के मुक़ाबले सरसों का तेल अच्छी गुणवत्ता का माना जाता है जिसके कारण से ग्राहक 50 से 80 रुपये तक प्रीमियम देने के लिए तैयार है।
(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; + 91-22- 40015516)