मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - कल सिबोट में जनवरी का सोयाबीन वायदा तीन माह के निचले स्तर तक चला गया, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े सोयाबीन निर्यातक और शीर्ष सोयामील आपूर्तिकर्ता अर्जेंटीना में बारिश की कमी की चिंता का डर कम हो चूका है जिससे वहां के किसान अपने सोयाबीन की बुवाई बढ़ा देंगे।
सिबोट में जनवरी का सोयाबीन वायदा 5-3 / 4 सेंट गिरकर 9.61 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो 13 सितंबर के बाद सबसे कम है। अर्जेंटीना में फसल के उत्पादन में कमी नहीं होगी जिसे देखते हुए सिबोट के सोयाबीन वायदे में मंदी का रुख जारी रह सकता है।
*मलेशिया तथा इंडोनेशिया में कच्चे पाम तेल के बढ़ते हुए स्टॉक से केएलसी(मलेशिया पाम तेल वायदा) में मंदी का रुख देखा जा रहा है तथा मजबूत रिंगित से पाम तेल की कीमतों पर दबाव बन रहा है, परन्तु सोया तेल तथा पाम तेल के मूल्य के बीच ज्यादा अंतर होने के कारण पाम तेल में गिरावट एक दायरे में हो सकती है।
घरेलू बाजार:
*घरेलू बाजार मे सोया तेल पर मंदी का रुख़ देखा जा रहा है क्योंकि हाजिर बाजार मे कमजोर माँग तथा मजबूत रुपये के साथ वैश्विक बाजार मे कमजोर सोयाबीन तेल की कीमतों का दबाव रहेगा।
*सरसों वायदा मे कमज़ोरी देखी जा रही है क्योंकि मिलर्स की ओर से माँग कमजोर है क्योंकि उन्हे सरसों की पेराई पर नुकसान उठाना पड़ रहा है तथा सरसों तेल तथा सरसों के खल (डीओसी/खल) की बिक्री धीमी है। साथ ही कनाडा ने कनोला का इंडिंग स्टॉक को दुगुना करते हुए 20 लाख टन निर्धारित किया है जिससे वैश्विक बाजार में सरसों में मंदी की गति जारी रहने की संभावना है।
*पिछले दस कारोबारी सत्र में सीबीओटी सोयामील वायदा में करीब 30 डॉलर की कमी हुई है, जबकि भारतीय सोयाबीन की कीमत अर्जेंटीना के सोयाबीन के मुकाबले करीब 13% बढ़ी है जिसकी वजह से भारतीय बाजार में एक सकारात्मकता देखी जा रही है, हालाँकि हाजिर बाजार में कमजोर आवक से बाजार में गिरावट कम हो सकती है।
*घरेलू बाजार में पाम तेल के लिए नकारात्मक रुख़ देखा जा रहा है क्योंकि सर्दियों के मौसम में पाम का तेल जम जाता है इसलिए पाम तेल की माँग दूसरे खाद्य तेल मे परिवर्तित होती देखी जा रही है।
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