मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - व्यापारियों तथा अन्य बाजार सहभागियों ने भारत सरकार से मांग की है कि मार्च के अंत तक सीमित आयात भी बंद किया जाए क्योंकि प्रमुख दलहन की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के स्तर से नीचे है।
अगस्त 2017 में, सरकार ने तुवर मूंग और उड़द के आयात को प्रतिबंधित किया गया था, 31 मार्च 2018 तक मूंग और उड़द पर 2 लाख मीट्रिक टन तथा तुवर पर 3 लाख मीट्रिक टन आयत कोटा निर्धारित किया गया है।
भारत में कुल दालों के वार्षिक आयात पर 5 लाख मीट्रिक टन का कोटा लगाया गया है, उक्त कोटा यदि समाप्त नहीं होता है तो देश में पहले से उपलब्ध पर्याप्त स्टॉक में स्टॉक की मात्र ज्यादा हो जाएगी।
उद्योग प्रतिनिधियों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को केंद्र से अनुरोध किया कि उन्हें अप्रैल 2018 की शुरुआत में 5 लाख टन दालों के आयात की अनुमति न दें।
तुवर, उड़द, मूंग, मसूर और चना जैसी अधिकांश दालों की घरेलू कीमतें एमएसपी के स्तर से नीचे हैं, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दालों का निर्यात जिसे एक दशक से भी अधिक समय तक अनुमति नहीं थी को पिछले वर्ष मुक्त किया गया था। हालांकि दोनों उपाय घरेलू कीमतों को समर्थन देने में ज्यादा मदद नहीं कर सकते है।
सरकार के साथ-साथ देश के व्यापारियों के पास भी दालों का विशाल भंडार है। अगर हम दालों का आयात करना जारी रखते हैं, तो किसानों को एमएसपी प्राप्त करना मुश्किल होगा।
(कमोडिटी कंट्रोल ब्यूरो द्वारा: + 91-22-40015523)
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