मुंबई (कमोडिटीजकंट्रोल) - हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में पिछले पंद्रह दिनों से धूल भरी आंधी के कारण प्रदूषण के कारण कॉटन की फसल का विकास प्रभावित होने की संभावना है। धूल भरे वातावरण के कारण कॉटन की फसल का विकास रुक रहा है जिससे उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बढ़ रही है।
उत्तर भारत में हरयाणा सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक राज्य है। धूल भरी आंधी के कारण प्रभावित होने क्षेत्र जींद, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी और हिसार जो की राज्य का 70% कॉटन उत्पादन करते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार कॉटन की फसल महत्वपूर्ण विकास के स्तर पर है और धूल भरे वातावरण के कारण सूरज की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पा रही है।
उनके अनुसार इसके चलते ७-१०% कॉटन उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
धूल भरी आंधी के कारण कॉटन की पत्तियों पर रेत के कण जमा हो गए जिसके कारण फोटोसिंथेसिस नहीं हो पा रहा है।
(कमोडिटिजकण्ट्रोल ब्यूरो द्वारा; +91-22-40015533)