मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) -मांग बढ़ने तथा बाजार में स्टॉक कम होने की वजह से हाजिर बाजार में लाल मिर्ची में तेजी की घुडदौड लगातार जारी है, रही सही कसर मानसून में हो रही देरी ने पूरी कर दी है।
किसानों का माल बाजार में बेहद सिमित मात्र में आ रहा है, जिसकी वजह से कोल्ड स्टोरेज का माल बाजार में बिक रहा है, कोल्ड स्टोरेज का माल इस वक़्त ऊँची कीमतों पर हाथो हाथ बिक रहा है जिसकी वजह से बाजार में माल की कमी लगातार देखी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक एक्सपोर्ट से लगातार मांग बढ़ रही है तथा बांग्लादेश में करंसी की समस्या ( बांग्लादेश के बैंको में डॉलर की कमी की वजह से आउटवर्ड रेमिटेंस पर रोक) लगभग ख़त्म होने की कगार पर है जिसकी वजह से बांग्लादेश से लाल मिर्ची की मांग बढ़ सकती है, चीन भी इस वर्ष लाल मिर्ची की खरीददारी बढ़ा सकता है।
मध्यप्रदेश में मानसून की कमी तथा लगातार वायरस के हमलों की वजह से किसानों की लाल मिर्ची में बड़ी मात्र में हानि का सामना करना पड़ा था इसलिए मध्यप्रदेश के किसान इस वर्ष लाल मिर्ची की बुवाई से किनारा कर सकते है जिसकी वजह से देश में लाल मिर्ची के उत्पादन में कमी देखी जा सकती है, इसके अलावा हल्दी में किसानो को इस वर्ष अच्छा मुनाफा मिला था जिससे किसान हल्दी की बुवाई को प्राथमिकता दे सकते है जिसकी वजह से महाराष्ट्र तेलंगाना, आँध्रप्रदेश, तथा कर्णाटक में लाल मिर्ची की बुवाई पर असर पड़ना लाजमी है, 2019 में एक बार देश को लाल मिर्ची के उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
बाजार के सूत्रों के मुताबिक अच्छी मिर्ची का स्टॉक बेहद सिमित मात्र में देखा जा रहा है तथा कोल्ड स्टोरेज की मिर्ची में 55 से 60% की हिस्सेदारी एक्सपोर्टरों की होने की खबर है, ऐसे में घरेलु बाजार में लाल मिर्ची की सप्लाई पर असर पड़ सकता है, इसके अलावा उत्तर तथा उत्तर पूर्वी भारत से बीज वाली तथा मीडियम क्वालिटी की लाल मिर्ची की मांग में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है जिससे गुंटूर तथा वारंगल के बाजारों में लाल मिर्ची में बाजार मजबूत देखी जा रहे है।
दीर्धकालीन समय में लाल मिर्ची में मंदी की आशंका से इनकार किया जा रहा है तथा स्टॉक में कमी तथा आने वाले वर्ष में उत्पादन में कमी से लाल मिर्ची में अच्छी तेजी रहने की संभावना बनती नजर आ रही है।
(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; + 91-22- 40015567)
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